कढीपत्ता के फायदे – Benefits of Curry leaves
कढीपत्ता यह भारतीय आहार में दिखने वाला अविभाज्य घटक है। यह एक औषधि है। पोहा और उपमा इसमें कढीपत्ते का इस्तेमाल किया जाता है। कढीपत्ता का पेड़ बड़ा और जंगल में रस्ते के बाजु में दिखाई पड़ता है। यह एक गहरे कलर का और खुशबूदार पेड़ है।इसपे ज्यादातर बीज दिखाई देते है। आज हम कढीपत्ते के औषधि गुणों की जानकारी प्राप्त करते हैं।
कढीपत्ते के फायदे :
- हम आहार में एक विशिष्ट खुशबू और स्वाद आने के लिए इसका इस्तेमाल करते है।
- लिवर की बीमारी में कढीपत्ता अमृत के सामान है। हर प्रकार के पीलिया में कढीपत्ता चबाकर खानेसे आराम मिलता है।
- कढीपत्ते के पत्तों को धुप में सुखाकर उसका चूरन करें। उसमे नारियल का तेल मिक्स करके इसे बालों में लगाने से बाल सफ़ेद होने की समस्या ठीक हो जाती है और बालों का गिरना बंद होकर बाल लम्बे और घने हो जाते है।
- पित्त के विकार के पित्त बढ़के सुभे उलटी हो रही हो तोह काली मिर्च, अदरक और सैंधा नमक मिलकर कढीपत्ते के पत्तों को कूटकर मिक्स करके खाने से पित्त और उलटी ठीक हो जाती है।
- कढीपत्ता खाया हुआ हजम करने में अच्छी मदत करता है। जिन्हे अपच की तकलीफ होती है, खाना खाने के बाद अस्वस्थ लगता है, पेट में गैस हो जाता है उनको खाना खाने के बाद कढीपत्ते के १० पत्तों की चटनी में सैंधा नमक मिलकर खाना चाहिए।
- कढीपत्ता यह हमें हमेशा जवान रखता है। इसके नियमित सेवन से जल्दी बुढ़ापा नहीं आता है।
- जिनको डायबिटीज की बीमारी है उन मरीजों को कढीपत्ते के १०-१२ पत्ते दिन में ३ बार चबा-चबाकर खानेसे खून में शक्कर कंट्रोल में आती है।
- सर्दी, खांसी अगर बार-बार हो रही हो तोह ऐसे लोगों को सुबह-सुबह कढीपत्ते के १५ पत्ते चबाकर खाने चाहिए।
- कढीपत्ते के नियमित सेवन से आखों की बीमारियां ठीक हो जाती है।
- कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पे कढीपत्ते के २० पत्ते सुबह-सुबह चबाकर खाने चाहिए। इससे कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में आता है।
- दस्त लगने पे कढीपत्ते का तजा रस आधा कप पीनेसे दस्त नियंत्रण में आ जाते है।
- कैंसर पीड़ित मरीज को केमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी लेते समय इस थेरेपी की वजह से उनके शरीर का भरी नुक्सान होता है। ऐसे मरीजों को कढीपत्ते के १० पत्ते मिश्री के साथ चबाके खाने दीजिये। इससे मरीज को आराम मिलता है।
इस कढीपत्ते के बारे में जितना लिखो उतना कम है। ऐसे बहुगुणी और आरोग्य सम्पन्न कढीपत्ता आहार में हमेशा होना चाहिए। इसे चबाकर खाने से हम स्वस्थ होकर निरोगी जीवन जी सकते हैं।