बार बार बीमार पड़ने के कारण

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बदले हुए पर्यावरण चक्र, सभी प्रकार के प्रदुषण जैसे की इंसानों द्वारा पानी में होने वाला प्रदुषण, वायुप्रदुषण,ध्वनिप्रदूषण,गलत खान-पान, गलत रेहेन-सेहेन के तौर तरीके और मन के मुताबिक़ जीने की चाह ऐसे बहुत के कारणों की वजह से हम बीमार पड़ते हैं।

बीमार पड़ने के कारण:

  • देर से सोना, देर से उठना।
  • कसरत न करना।
  • सोपेहेर को ज्यादा समय तक सोना।
  • खाने में नमक ज्यादा मात्रा में लेना।
  • फ्रिज का ठंडा पानी पीना।
  • तरह तरह के एंटीबायोटिक्स लेना।
  • एल्युमीनियम के बर्तन में पका हुआ खाना खाना।
  • दूध न पीना।
  • आहार में फलों का इस्तेमाल न करना।
  • खुली हवा में न टहलना।
  • बदन को जरा भी धुप न लगने देना।
  • अतिरिक्त क्लोरीनयुक्त पानी पीना।
  • ठेले वाले, होटल में बार बार तीखा और तला हुआ पकवान खाना।
  • कल का बचा हुआ बासी खाने का सेवन करना।
  • तरह तरह के नशीले चीज़ो का सेवन करना, नशा करना।
  • प्रदूषणयुक्त हवा।
  • दिनभर एक ही जगह पर बैठकर काम करना।
  • काम का अतिरिक्त तनाव लेना।
  • बहुत आवाज़ वाले माहौल में रहना या ध्वनि प्रदुषण में रहना।
  • शरीर के स्वस्थता पर ध्यान न देना।
  • घर में और घर के बाहर अस्वच्छता होना और उसकी साफ़-सफाई पे ध्यान न देन।
  • डॉक्टर के सलाह के बिना मेडिकल स्टोर में जाके दवाइया लेना और उसका सेवन करना।
  • खाना खाते समय शांति से खाना न खाना और खाने पे ध्यान न देकर इधर-उधर ध्यान देना।
  • खड़े रहकर पानी पीना और पदार्थ खाना।
  • बेकरी में बनाये हुए पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना।
  • एक ही ड्रेस, कपडा, रुमाल एक से अधिक दिनों तक इस्तेमाल करना।
  • दाँतों को अच्छी तरह से साफ़ न करना।
  • कोल्ड ड्रिंक्स का अधिक मात्रा में सेवन करना।
  • प्लास्टिक की थैली में रखे हुए पदार्थ का सेवन करना।

ऊपर दिए हुए मुद्दे बीमार पड़ने के कारण हैं। अगर आपको स्वस्थ रहना है और निरोगी जीवन जीना है तो इन बातों का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी है। तभी हम निरोगी जीवन जी सकते हैं।